Motivational Story
Motivational Story
There are many beautiful and uplifting things in life, but there is also loss. Losing a loved one can trigger intense feelings of grief. For some people, this grief can lead to depression or make underlying.
The days were good days, suddenly one day the Mini had a very high fever, all got scared, they ran to the doctor, but carrying her, Mini died.
As the family felt that the mountain itself was broken and the condition of the father became like a dead person. Even after weeks of going to the Mini, he would not talk to anyone ... just keep on crying. Even he left office and stopped coming out of the house.
The neighbors and relatives tried to convince them but they did not listen to anyone, only one word came out from their mouth ... Mini!
Thinking about such a Mini-day one day his eyes started and he got a dream.
They saw that hundreds of girls are roaming as fairies in heaven, wearing all white clothes and carrying candles in their hands. Only then did they appear Mini.
On seeing him, the father said, "Mini, my lovely baby, all the fairies candles are burning, but why are you extinguished, why do not you burn it?"
Mini dialect, "Papa, I burn the candle again and again, but you cry so much that my candle is extinguished by your tears ...."
The father's sleep broke down after listening to this. They realized their mistake, they understood that their daughter could not be happy even after being unhappy with her, and she again started moving towards normal life.
Moral:
Friends, a close friend can not be confused with the sad words. But somewhere we have to strengthen ourselves and keep our responsibilities. And perhaps doing this gives peace to the soul of the one who dies. There is no doubt that those who love us want to see us happy, even after our own ...!
*बुझी मोमबत्ती*
एक पिता अपनी चार वर्षीय बेटी मिनी से बहुत प्रेम करता था। ऑफिस से लौटते वक़्त वह रोज़ उसके लिए तरह-तरह के खिलौने और खाने-पीने की चीजें लाता था। बेटी भी अपने पिता से बहुत लगाव रखती थी और हमेशा अपनी तोतली आवाज़ में पापा-पापा कह कर पुकारा करती थी।दिन अच्छे बीत रहे थे की अचानक एक दिन मिनी को बहुत तेज बुखार हुआ, सभी घबरा गए , वे दौड़े भागे डॉक्टर के पास गए , पर वहां ले जाते ही मिनी की मृत्यु हो गयी।
परिवार पे तो मानो पहाड़ ही टूट पड़ा और पिता की हालत तो मृत व्यक्ति के समान हो गयी। मिनी के जाने के हफ़्तों बाद भी वे ना किसी से बोलते ना बात करते…बस रोते ही रहते। यहाँ तक की उन्होंने ऑफिस जाना भी छोड़ दिया और घर से निकलना भी बंद कर दिया।
आस-पड़ोस के लोगों और नाते-रिश्तेदारों ने उन्हें समझाने की बहुत कोशिश की पर वे किसी की ना सुनते , उनके मुख से बस एक ही शब्द निकलता … मिनी !
एक दिन ऐसे ही मिनी के बारे में सोचते-सोचते उनकी आँख लग गयी और उन्हें एक स्वप्न आया।
उन्होंने देखा कि स्वर्ग में सैकड़ों बच्चियां परी बन कर घूम रही हैं, सभी सफ़ेद पोशाकें पहने हुए हैं और हाथ में मोमबत्ती ले कर चल रही हैं। तभी उन्हें मिनी भी दिखाई दी।
उसे देखते ही पिता बोले , ” मिनी , मेरी प्यारी बच्ची , सभी परियों की मोमबत्तियां जल रही हैं, पर तुम्हारी बुझी क्यों हैं , तुम इसे जला क्यों नहीं लेती ?”
मिनी बोली, ” पापा, मैं तो बार-बार मोमबत्ती जलाती हूँ , पर आप इतना रोते हो कि आपके आंसुओं से मेरी मोमबत्ती बुझ जाती है….”
ये सुनते ही पिता की नींद टूट गयी। उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया , वे समझ गए की उनके इस तरह दुखी रहने से उनकी बेटी भी खुश नहीं रह सकती , और वह पुनः सामान्य जीवन की तरफ बढ़ने लगे।
नैतिक शिक्षा
मित्रों, किसी करीबी के जाने का ग़म शब्दों से बयान नहीं किया जा सकता। पर कहीं ना कहीं हमें अपने आप को मजबूत करना होता है और अपनी जिम्मेदारियों को निभाना होता है। और शायद ऐसा करना ही मरने वाले की आत्मा को शांति देता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि जो हमसे प्रेम करते हैं वे हमे खुश ही देखना चाहते हैं , अपने जाने के बाद भी…!
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